मैंने नहीं सोचा था
कि मेरे लिए
मेरी वन-निष्ठा का
यह परिणाम होगा
वन-महोत्सव पर
तालियाँ बजाकर अभी मैं उठा ही था
कि तुमने मुझे भी
एक वृक्ष की तरह रोप दिया !
तालियों की गड़- गड़ाहट ,
अभी थमी भी न थी ,
कि वृक्ष सहसा बहुत ऊँचे हो गए,
और लताओं ने ,
एक गहन कान्तार का सृजन किया !
तुम्हारे शब्दों का जादू ,
मैं जानता तो था ,
पर यह नहीं सोचा था
कि मेरे तुम्हारे बीच
वन सहसा इतना घना हो जायेगा
तुम पास होकर भी इतनी दूर हो जाओगे !
कुछ बड़े सही ,
पर तुम भी हमारी तरह ,
वृक्ष हो जाओगे !
अब यहाँ,
इस गहन वन में
हमारे पीछे छुपी
हिंस्र हुंकारे हैं , आक्रामक गुर्राहटें हैं ,
लपलपाती जीभें हैं -
इन्होंने हमें नहीं डसा !
अभी-अभी ये अजगर
हमारे बीच से निकल कर गया ,
इसने हमें नहीं कसा,
तो अपने वन होने का एहसास
और घना हो गया !
मुझे तुम्हारे शब्दों के जादू पर
विश्वास तो था ,
पर मैंने यह नहीं सोचा था ,
कि हम इतनी जल्दी
सहसा वन हो जायेंगे !