Monday, June 20, 2011

मेघ हिरना




बादल उठे
राग गर्भित , ऊर्ध्वमुख 
किन्नर देश में -
प्रीति-पर्वत पर उछलते-कूदते ,
कभी हँसते खिल-खिलाते ,
कभी रुक कर सिहरते,
दृग मूँदते,
हिम मंडित शिखर पर 
कभी जमते,
कभी क्रोधित गड़-गड़ाते,
घाटियों में उतर जाते,
बरसते,
नदी बनकर,
कभी झरने की तरह झरना ,
मेघ हिरना ,
अरे ओ , मेघ हिरना ! 

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